5 Tips about हनुमान आरती You Can Use Today

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जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

भगवान विष्णु की अर्धांगिनी माता लक्ष्मी का आह्वान भक्तजन साप्ताहिक दिन शुक्रवार, गुरुवार, वैभव लक्ष्मी व्रत तथा दीपावली में लक्ष्मी पूजन के दिन मुख्यतया अधिक करते हैं, जिसके अंतरगत भक्त माँ लक्ष्मी की आरती करने है।

रांची के बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में झारखंड की संस्कृति...

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥

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बालाजी आरती

हनुमान इन सभी बातों से अनिभिज्ञ थे। यद्यपि मकरध्वज को पता था कि हनुमान उसके पिता हैं मगर वो उन्हें पहचान नहीं पाया क्योंकि उसने पहले कभी उन्हें देखा नहीं था।

बाईं भुजा असुर दल मारे । दाहिने भुजा संतजन तारे ॥

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

हनुमानजी माता सीता के साथ क्रोध मे आकर रावण ने हनुमान को मृत्यु दण्ड देने का आदेश दिया मगर रावण के छोटे भाई विभीषण ने ये कहकर बीच-बचाव किया कि एक दूत को मारना आचारसंहिता के विपरीत है। ये सुनकर रावण ने हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिय। जब रावण के सैनिक हनुमान की पूंछ मे कपड़ा लपेट रहे थे तब हनुमान ने अपनी पूंछ को खूब लम्बा कर लिया और सैनिकों को कुछ समय तक परेशान करने के पश्चात पूंछ मे आग लगाने का अवसर दे दिया। पूंछ मे आग लगते ही हनुमान ने बन्धनमुक्त होके लंका को जलाना शुरु कर दिया और अंत मे हनुमान चालीसा पूंछ मे लगी आग को समुद्र मे बुझा कर वापस प्रभु श्रीराम के पास आ गये।

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। शिव बाघम्बर अंगे।

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